कब हैं देवउठनी एकादशी आज पूजा विधि शुभ मुहूर्त ऐसे रखे व्रत

                                                          कब  हैं  देवउठनी एकादशी 

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और समस्त देव चार महीने के बाद विश्राम से जागते हैं इसलिए इस दिन जब देव उठते हैं तो उसे देवउठनी एकादशी कहा जाता हैं पंचग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू हो रही हैं और यह तिथि 23 नवंबर गुरुवार के दिन रात 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होंगी उदयातिथि के आधार पर देवउठनी एकादशी का व्रत 23 नवंबर को रखा जाएगा । 

                                                                    देवउठनी एकादशी पूजा कैसे करे

  • देवउठनी एकादशी के दोरान केदिन सुबह जल्दी घर मे साफ सफाई करे । 
  • पूजा करने के लिए चोंकी पर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करे । 
  • इसके बाद पूरे दिन विधि विधान के साथ पूजा करे । 
  • भगवान विष्णु को चंदन और हल्दी कुमकुम से तिलक लगाए । 
  • घी का दीपक जलाये और प्रसाद भी चढ़ाये । 
  • पूजा मे व्रत कथा और भोग लगाकर आरती करे । 
  • प्रसाद मे तुलसी की पत्ती जरूर डाले । 
  • व्रत पारण अगले दिन सात्विक भोजन के साथ करे । 
                                                              तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त  

अभिजीत मुहूर्त 24 नवंबर 2023 शुक्रवार की सुबह 11;43 मिनट से लेकर दोपहर 12;26 मिनट तक होगा विजय मुहूर्त 24 नवंबर 2023 शुक्रवार की दोपहर 1;54 मिनट से दोपहर 2;38 मिनट तक होगा दोनों शुभ मुहूर्त मे भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह रचाना बहुत फल देगा।                             

                                                                  तुलसी लगाने वाली एकादशी 2023 कब हैं 
   
जो लोग एकादशी को तुलसी विवाह करवाते हैं वो 23 नवंबर को इसका आयोजन करते हैं वही जो द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह कराते हैं वो इस बार 24 नवंबर को आयोजन करेंगे ।             

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