बिल्ली और चूहा की कहानी

                बिल्ली और चूहा की  कहानी 

एक बार की बात है एक बिल्ली थी जो  बहुत ही चालक और चतुर थी और उसकी इसी चालाकी और चोकसी को देकर चूहा भी सबधान हो गया और अब चूहे बिल्ली के हाथ नहीं आ रहे थे । 


एक समय एसा आया की बिल्ली भूख के मारे तड़पने लगी एक भी चूहा उसके हाथ नहीं आता था। क्युकी वो उसकी आहट पाते ही अपने बिल मे छुप जते थे ।

भूख से बचने के लिय बिल्ली योजना बनाने लगी तभी उसके दिमाग मे आया और वो एक टेबल पर उलटी लेट गई उसने सभी चूहों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया की वो मर गई । 



सारे चूहे बिल्ली को एसे लेटा हुआ अपने बिल से देख रहे थे उन्हे पता था की बिल्ली बहुत चालक है इसलिए उन्मे से कोई भी चूहा अपने बिल से बाहर नहीं आया । 

लेकिन जेसे ही बिल्ली की टेबल के पास पहुचे उसने उचलके दो चूहे पकड़ लिये इस तरह बिल्ली ने इस बार तो अपने पेट को भर लिया लेकिन चूहे अब और भी ज्यादा सतर्क हो गए । 



दो चूहे खाने के बाद बिल्ली दोबारा भूख से तड़पने लगीं क्योंकि चूहे अब बिल्कुल भी लापरवाही बरतना नहीं चाहते थे। इस बार पेट भरने के लिए एक बार फिर बिल्ली को योजना बनानी थी । लेकिन इसे छोटी योजना काम नहीं आने वाली थी इसलिए बिल्ली ने खुद को पूरे आटे से ढक  लिया । 



चूहों ने सोचा की वह आटा है और उसे खाने के लिए या गए लेकिन एक बुढ़े चूहे ने उन्हे रोक दिया उसने ध्यान से आटा देखा तो उसे उसमे बिल्ली का आकार दिखने लगा तभी बुढ़े चूहे ने हल्ला मचाना शुरू किया उसने कहा सब अपने बिल मे चले  जाओ यहा आटे मे बिल्ली छुपी है। बुढ़े चूहे की बात सुनकर सारे चूहे अपने बिल मे चले गए जब बहुत देर तक भी चूहे बिल्ली के पास नहीं पहुचे तब बिल्ली थकने की वजह से उठकर गई इस तरह बुढ़े चूहे ने अनुभव से सारे चूहो की जान बचा ली । 



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