जीवन क्या हैं ?हमे जीवन को कैसे जीना चाहिए

                                                              हमे अपना जीवन कैसे जीना चाहिए 

दोस्तों हमे जीवन कैसा भी मिल हो उसके लिए सबसे पहले हमे भगवान का शुक्रगुजार करना चाहिए । क्युकी हमे इस पर्थवि पर एसी अच्छी जगह पर जीवन जीने का मौका मिला यही हमारे लिए अच्छी बात हैं कुछ लोग के जीवन की यात्रा मे ही भगवान का बुलावा आ जाता हैं और उसको जीवन जीने का मौका नहीं मिलता हैं इसलिए वे लोग अपना पूरा जीवन अच्छी तरह से नहीं जी पाते हैं कुछ लोगों का जीवन अनेक बीमारियों से घिरा हुआ हैं वो भी अपने जीवन का आनंद दूसरे लोग जीवन जीने का आनंद लेते हैं उसी तरह वे लोग जी नही पाते हैं एसे लोगो की जीवन के प्रति अलग नजरिए होते हैं । 

एक बात तो हैं हम सबको समझा लन चाहिय की हमारा जन्म इस पर्थवि पर हुआ हैं तो कुछ अच्छे कर्मों करने के लिय बना है ये जन्म भगवन ने दिया हैं तो एसी ही जीवन को हमे बर्बाद नहीं करना चाइए अच्छे कर्मों करे दूसरों को की मदद करे मेहनत करके सफल बने दूसरे की निंदा न करे हमे जीवन को समझना चाहिए हमे अपनी लाइफ की कद्र करनी चाहिये हमे जैसी भी लाइफ मिली हो हमे उसका स्वीकार करना चाहिए जीवन के हर पल का आनंद लेना चाहिए । हर दिन खुशियाो के साथ बिताना चाहिए ये जिंदगी है जिंदगी का कुछ अतापता नहीं हैं कब ये हमारी जिंदगी का आखिरी दिन हो जाए उसके बारे मे हमे पता नहीं इसीलिए हमे जैसे भी जिंदगी मिली हो उसका हमे अच्छे तरह से जिना चाहिए और अच्छे कर्म करना चाहिए और हमे जिंदगी से हमे कभी भी नाराज नहीं होना चाहिए हमे एसा मना चाहिए की हमे जैसे भी जिंदगी मिली अच्छी मिली और हम अब तक जिंदगी जी रहे है ये ही हमारे लिए गर्व की बात हैं । 

                                                             जीवन जीने का उद्देश्य क्या हैं 

आप सब को कभी भी तो एसा विचार प्रकट हुआ होगा की आखिरकार एसी टेकोलॉजी वालों प्रतियोगिता वालों एक दूसरे के साथ हरिफाई वालों पैसा कमाने के पीछे भागे जाने वाली दुनिया मे आखिरकार जीवन जीने का असली उद्देश्य क्या हैं हम एसे ही का पी कर मोज करके और अंत मे मर जाना एसी ही हमारी लाइक हैं क्या हम सिर्फ ये सब करने के लिय पैदा हुए हैं आपको पता होगा की ये मनुष्य जीवन हम जिसे भी मोज कर रहे ये जीवन हमे एसे ही नहीं मिल जाता हैं मनुष्य जीवन 84 लाख योनियो के बाद मिलता हैं हमे ये जीवन भगवन ने द्वरा मिला हैं तो उसके पीछे कुछ तो मदसद होगा एसे ही बिना मदसद के हमे ये जिंदगी तो भगवन ने नहीं दी होगी हम जी रहे है इससे पहले भी लोग तो इस दुनिया मे जी रहे थे तो फिर हमे एसे ही बिना मदसद के बिना हमे ये जिंदगी भगवन ने थोड़ी दिया हैं हमे इसीलिए ये मनोहर धरती पर जन्म दिया हैं की हम जीवन का महत्व समझे अच्छे कर्म करे अपने लक्षय को पाए ओर एक सफल इंसान बनकर तरक्की करे और समाज के काम आए और इस खूबसूरत दुनिया को और बेहतर खूबसूरत बनाने मे अपना सहयोग दे । 

                                                             जीवन मे कोई परेशानिया आए तो क्या करे । 

जीवन मे परेशानीया तो आती हैं हमे परेशानि या के सतह जीवन जीने की कोशिश कर लेने चाहिए प्रेषणी से भागना उसका समाधान नहीं हैं हमे परेशानी को दूर करना चाहिए परेशानिया आए तो धीरज रखो परेशानी से मत डरो उसको दूर करने के बारे मे सोचो । 

आज कल किसी को भी पूछो की कैसी जिंदगी चल रही हैं क्या हाल हैं बस जिंदगी चल रही हैं जैसी वैसी करके एसा ही उतर मिलता हैं एसा लगता हैं की हम सब सिर्फ जिंदगी को गुजर रहे हैं और एसा लगता हैं की हम जबरदस्ती जिंदगी जी रहे हैं और कुछ मजा ही नहीं रहा हैं लाइफ मे बात तो याद रखनी चाहिए की जिंदगी जिन हैं और जिंदगी गुजरना ये दोनों अलग अलग ही बात हैं पशु तो जिंदगी को गुजारते हैं हम तो इंसान हैं हमे जिंदगी को मोज सोख भक्ति अच्छे कर्मों सफल इंसान बनकर जिंदगी को अच्छी और मस्त तरीके से जिन हैं कुछ पाने के लक्ष्य होना चाहिए कुछ पाने की तड़प होनी चाहिए अपने जीवन को अच्छा बनाने को कोशिश होनी चाहिए कभी कभी लोग अच्छे और मस्त जीवन को बर्बाद कर देते है आत्महत्या कर लेते हैं कुछ लोग प्रेम के पीछे जान दे देते हैं आत्महत्या करना कोई सलयुसन नहीं हैं हम सब के जीवन मे परेशानी तो आती ही रहेगी कभी सुख कभी दुख जीवन आता ही रहेगा और धंधे मे ही उतर -चढ़ाव होता ही रहेगा ये सब मुश्किलयों का समाधान नहीं हैं दोस्तों श्री कृष्ण ने भगवात गीत मे कहा हैं की सुख और दुख विरोधी नहीं हैं वास्तव म एक सिक्के के दो पहेलू की तरह हैं यदि दुख न हो तो सुख की समझ कैसी होगी तो बाद मे सुख की प्राप्ति कैसी होंगी अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा की भगवन आप एसा वाक्य कहे की दुख मे पढ़ा जाए तो मन मे सुख की प्राप्ति हो और दुख मे पढ़ जाए तो मन म विचलित न हो श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा की ये समय भी बित जाएगा समय का पहिया एक समय पर नी चलता हैं । 

                                                       जिंदगी और जीवन मे क्या अंतर होता हैं 

जिंदगी हमे भगवन द्वारा उपहार के रूप मे दी गई है हमे भगवन द्वारा तो जिंदगी मिल जाती हैं लेकिन हमे जिंदगी को कैसे जीनी चाहिए और जिंदगी को कैसे खूबसूरत बनानी हैं ये सब हम पर निर्भर हैं और हम अपनी मर्जी से जिंदगी को कैसे जीते हैं उसको हम जीवन कहते हैं हम चाहे तो जीवन का अच्छा बना सकते हैं या बुरा बना सकते हैं ये सब हमारे हाथों मे होता है हम जैसा भी जीवन जीते हैं उसके कर्मों के अनुसार ही हमे अगला जन्म होता हैं । 

                                 दोस्तों  सिर्फ जीवन क्या हैं जीवन को कैसे जीना चाहिए उसके बारे मे समझने की कोशश की हैं जीवन के प्रति सभी के नजरिए अलग होते हैं हमारा पेज पढ़कर आपको थोड़ी सी भी जानकारी मिली होगी तो हमारा पेज को कमेन्ट और फॉलो लाइक जरूर करे । 

   धन्यबाद ।    

                                                   

  

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